छठ पूजा 2025 छठ पूजा चार दिनों तक एक ऐसा त्यौहार है, जो रीति रिवाज से भरे हुए हैं। ऐसे में जो लोग पहली बार छठ पूजा कर रहे हैं या जो भक्त शहरों में कर रहे हैं और उन्हें गाइड करने वाला कोई नहीं है, उन्ही की समस्या का अंत करने के लिए एक बार फिर से हम यानी कि अरी मंदिर लाए हैं वो लेख जिसे पढ़कर आपके मन को शांति और नैनों को अपार सुख मिलने वाला है, क्योंकि इस लेख में हम साथ में जानने वाले हैं, छठ पूजा की तैयार से जुड़ी हर एक जानकारी।
छठ पूजा की तैयारी कैसे करें?
छठ पूजा 2025 की शुरुआत “नहाय-खाय” से होती है, और उसी दिन से पूजा की तैयारी प्रारंभ हो जाती है। इस दिन से घर की सफाई और वातावरण की शुद्धि पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
- घर की शुद्धि: सबसे पहले घर के सभी कोनों की सफाई करें, खासकर रसोईघर की। छठ पूजा में सात्त्विक भोजन ही बनता है, इसलिए रसोई में प्याज, लहसुन का प्रयोग नहीं किया जाता।
- स्नान और पवित्रता: व्रती स्नान के बाद नए वस्त्र धारण करते हैं और सात्त्विक भोजन बनाते हैं। यह भोजन मिट्टी या पीतल के बर्तन में पकाया जाता है ताकि शुद्धता बनी रहे।
- भोजन की विधि: लौकी-भात और गुड़ से बने भोजन से पूजा की शुरुआत होती है। इसे केवल व्रती ही ग्रहण करते हैं।
- व्रत की तैयारी: व्रती दूसरे दिन से निर्जल उपवास का संकल्प लेते हैं, इसलिए पहले दिन से ही शरीर को संतुलित भोजन देकर तैयार करना चाहिए।
छठ पूजा की तैयारी केवल बाहरी नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी महत्वपूर्ण होती है — क्योंकि यह व्रत संयम और आत्म-नियंत्रण की परीक्षा है।
घर या घाट को छठ पूजा के लिए कैसे सजाएं?
छठ पूजा की साज-सज्जा केवल शोभा बढ़ाने के लिए नहीं होती, बल्कि इसका हर तत्व पवित्रता और श्रद्धा का प्रतीक है।
अगर आप घर में पूजा कर रहे हैं, तो अपने आँगन या छत पर गंगाजल छिड़ककर स्थान की शुद्धि करें।
- घर की सजावट:
- दीवारों पर हल्दी और गोबर का लेप लगाना शुभ माना जाता है।
- घर के प्रवेश द्वार पर रंगोली बनाएं और दीपक जलाएँ।
- पूजा स्थल पर आम की पत्तियों और केले के पेड़ से बना मंडप तैयार करें।
- दीवारों पर हल्दी और गोबर का लेप लगाना शुभ माना जाता है।
- घाट की सजावट:
- घाट को फूलों, दीयों और प्राकृतिक पत्तियों से सजाया जाता है।
- केले के पेड़ों से बना तोरणद्वार शुभ होता है।
- जल में प्रतिबिंबित दीपक छठ मइया की आराधना का प्रतीक माना जाता है।
- घाट को फूलों, दीयों और प्राकृतिक पत्तियों से सजाया जाता है।
छठ पूजा 2025 में पर्यावरण के अनुकूल सजावट अपनाना अत्यंत शुभ माना जाएगा — मिट्टी के दीपक, प्राकृतिक फूल, और बायोडिग्रेडेबल सजावट का प्रयोग करने से वातावरण पवित्र और संतुलित रहता है।
छठ पूजा में कौन-से रंग की साड़ी पहननी चाहिए?
छठ पूजा में साड़ी का रंग केवल परिधान नहीं, बल्कि श्रद्धा का प्रतीक होता है। व्रती महिलाएँ सामान्यतः लाल, पीले, या नारंगी रंग की साड़ी पहनती हैं।
- लाल रंग सौभाग्य और शक्ति का प्रतीक है।
- पीला रंग सूर्य की ऊर्जा और तेज का प्रतिनिधित्व करता है।
- नारंगी रंग उत्साह और सकारात्मकता का प्रतीक होता है।
छठ पूजा 2025 में पारंपरिक सूती या सिल्क की साड़ी पहनना श्रेष्ठ माना गया है। नई साड़ी, बिना सिलाई के वस्त्र और सिर ढकने के लिए दुपट्टा आवश्यक होता है। मैथिल या भोजपुरी क्षेत्रों में “ठाठ साड़ी” या “लाल बॉर्डर वाली पीली साड़ी” विशेष रूप से शुभ मानी जाती है।
वस्त्रों में चमकीले या कृत्रिम कपड़ों से बचना चाहिए, क्योंकि छठ व्रत सादगी और संयम का पर्व है।
छठ पूजा की सामग्री सूची में क्या-क्या होना चाहिए?
छठ पूजा 2025 की सफलता पूजा सामग्री की पूर्णता पर निर्भर करती है। हर वस्तु का अपना धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है। नीचे दी गई सूची के अनुसार सामग्री पहले से तैयार कर लें:
🌾 मुख्य सामग्री:
- बाँस की सूप और दौरा (सूप में ही प्रसाद रखा जाता है)
- गंगाजल (शुद्धता के लिए)
- दीपक, रुई की बाती और घी
- चावल, गेहूँ और गुड़
- फल: केला, नींबू, नारियल, सेब, अमरूद, गन्ना, सिंघाड़ा
- मिठाई और प्रसाद: ठेकुआ, खीर, चावल-पुरी, गुड़ की मिठाई
- पान, सुपारी, लौंग, इलायची
- सिंदूर, रोली, कुमकुम, अक्षत, फूल, मौली
🪔 व्रती के उपयोग की वस्तुएँ:
- नई साड़ी या वस्त्र
- आसन (मिट्टी या लकड़ी का)
- पूजा के लिए कलश, थाली और लोटा
- दीपक के लिए मिट्टी की दीया और प्लेट
इन वस्तुओं को सूप या दौरे में सजा कर घाट या घर के पूजन स्थल पर रखा जाता है।
पूजा की थाली में कौन-सी वस्तुएं रखनी चाहिए?
छठ पूजा की थाली में रखी हर वस्तु का एक विशेष अर्थ होता है। यह केवल प्रसाद नहीं, बल्कि आस्था और कृतज्ञता का प्रतीक है।
- दीपक (घी का): पवित्रता और प्रकाश का प्रतीक
- फूल: भक्ति और श्रद्धा का भाव
- अक्षत और चावल: स्थायित्व और शुद्धता का प्रतीक
- सिंदूर और रोली: शक्ति और सौभाग्य का प्रतीक
- गंगाजल या कलश का जल: जीवन और शुद्धता का प्रतिनिधित्व
- फल और प्रसाद: सूर्यदेव को अर्पण हेतु आभार का प्रतीक
- टेकुआ: घर के बनाएं ताजे और स्वादिष्ट टेकुआ को बिल्कुल ना भूलें
थाली को लाल या पीले वस्त्र से ढका जाता है, और अर्घ्य देने से पहले दीपक जलाकर पूजा की शुरुआत की जाती है।
छठ पूजा की तैयारी से जुड़े कुछ उपयोगी सुझाव
- पूजा में केवल प्राकृतिक वस्तुएँ प्रयोग करें — प्लास्टिक या सिंथेटिक सामग्री न रखें।
- प्रसाद तैयार करते समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखें; किसी बाहरी वस्तु का स्पर्श न हो।
- पूजा स्थल को सूर्य की दिशा (पूर्व या पश्चिम) में रखें।
- व्रत के दौरान मन को शांत रखें और घर का वातावरण सकारात्मक बनाएँ।
- सभी पूजा वस्तुएँ पहले से एक दिन पूर्व एकत्र करें ताकि अर्घ्य के समय कोई बाधा न आए।
छठ पूजा 2025 केवल पूजा का पर्व नहीं, बल्कि भक्ति, अनुशासन और कृतज्ञता की साधना है। इसकी तैयारी जितनी सादगी और पवित्रता से की जाती है, फल उतना ही शुभ होता है।
घर की सजावट, साड़ी का रंग, पूजन सामग्री और थाली की व्यवस्था — हर चीज़ में श्रद्धा झलकनी चाहिए।
सूर्यदेव और छठ मइया की आराधना तभी पूर्ण मानी जाती है जब तैयारी में मन, कर्म और वचन — तीनों की शुद्धता शामिल हो।
इस वर्ष छठ पूजा की तैयारी पूरे मन से करें, ताकि आपके जीवन में सूर्य की तरह उजाला, ऊर्जा और समृद्धि का प्रकाश बना रहे।
छठ पूजा से जुड़ी और भी जानकारी के लिए आप श्री घर वेब साईट को अच्छे से एक्स्प्लोर करें, क्योंकि हमने कोशिश की है कि हम छठ पूजा से जुड़ी सारी महत्वपूर्ण जानकारी आप तक पहुँचा सके।
जय छठी मैया