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दीवाली पूजा कैसे करें?

दीवाली पूजा 2025:- दीपों का पर्व दीवाली 2025 हर वर्ष कार्तिक अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार केवल रोशनी और सजावट का नहीं, बल्कि आध्यात्मिक जागरण, समृद्धि और नई शुरुआत का प्रतीक है।
माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन करने से घर में धन, सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।

जो लोग पहली बार दीवाली पूजा करने जा रहे हैं, उनके लिए यह गाइड बिल्कुल सरल और सम्पूर्ण है  ताकि पूजा विधि सही ढंग से हो और श्रद्धा का भाव पूर्ण रूप से प्रकट हो।

दीवाली पूजा कैसे करें? – पूजा विधि

दीवाली पूजा करने से पहले घर की शुद्धि और मन की एकाग्रता सबसे ज़रूरी है। पूजा की प्रक्रिया को नीचे दिए क्रम में करें 

 1. घर की सफाई और शुद्धिकरण

  • दीवाली से पहले घर की पूरी सफाई करें। माना जाता है कि मां लक्ष्मी स्वच्छ और उजले घर में ही प्रवेश करती हैं।
  • दरवाज़े और खिड़कियों को सजाएं, मुख्य द्वार पर रंगोली बनाएं और आम की पत्तियों या केले के पत्तों का तोरण लगाएं।
  • पूजा के दिन गंगाजल छिड़ककर पूरे घर का शुद्धिकरण करें।

2. पूजा स्थान की तैयारी

  • पूजा के लिए घर का उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा वाला कोना सबसे शुभ माना जाता है।
  • एक चौकी पर लाल या पीले कपड़े बिछाएं और उस पर मां लक्ष्मी व भगवान गणेश की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
  • चौकी पर अक्षत (चावल), फूल, दीपक और कलश रखें। कलश में जल, रोली, सुपारी और एक सिक्का डालें। उसके ऊपर नारियल रखें।

3. दीया और दीप सजाना

  • दीवाली की शाम को 11, 21 या 51 दीपक जलाना शुभ माना जाता है।
  • एक दीपक घर के मुख्य द्वार पर, एक तिजोरी या कैश बॉक्स के पास और एक रसोई में अवश्य जलाएं।
  • मिट्टी के दीपक सबसे शुभ माने जाते हैं क्योंकि वे पृथ्वी तत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं।

4. लक्ष्मी-गणेश पूजन विधि

  1. सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें, क्योंकि वे विघ्नहर्ता हैं।
    • मंत्र: “ॐ गणपतये नमः”
  2. उसके बाद मां लक्ष्मी की पूजा करें।
    • मंत्र: “ॐ महालक्ष्म्यै नमः”
  3. धूप, दीप, पुष्प, चावल, मिठाई और सिक्के अर्पित करें।
  4. लक्ष्मी जी को सोने-चांदी के सिक्के या मुद्रा अर्पित करना शुभ होता है।
  5. अंत में लक्ष्मी-गणेश आरती करें और घर के सभी कोनों में दीप जलाएं।

5. कुबेर और दीप आराधना

दीवाली की रात धन के देवता कुबेर की पूजा भी की जाती है।

  • पूजा स्थल के उत्तर दिशा में दीपक जलाएं और प्रार्थना करें कि घर में धन और स्थिरता बनी रहे।
  • दीपक जलाते समय मंत्र बोलें:
    “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः।”

दीवाली पूजा के लिए ज़रूरी सामान (पूजा सामग्री सूची)

पूजन सामग्री की पूरी तैयारी पहले से कर लें ताकि मुहूर्त के समय कोई वस्तु छूटे नहीं।
नीचे दीवाली पूजा के लिए आवश्यक वस्तुओं की सूची दी गई है 

मुख्य पूजन सामग्री:

  • लाल या पीला कपड़ा
  • कलश, नारियल, आम की पत्तियाँ
  • दीपक (मिट्टी के), रुई की बाती, घी या तेल
  • रोली, चावल, सिंदूर, मौली
  • पुष्प (खासकर कमल या गुलाब)
  • चांदी या तांबे का सिक्का
  • मिठाई, खील-बताशे, पान-सुपारी, लौंग, इलायची
  • धूप-अगरबत्ती, शंख, घंटी
  • गंगाजल और अक्षत
  • लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा या चित्र

विशेष वस्तुएं समृद्धि हेतु:

  • गौमुखी दीपक: घर के धन स्थान पर रखें।
  • कमल पुष्प: लक्ष्मी पूजा के लिए आवश्यक।
  • 11 सिक्के या शंख: घर के मंदिर में रखें, धनवृद्धि के लिए शुभ माने जाते हैं।

दीवाली पूजा का समय और शुभ मुहूर्त

दीवाली 2025 का सबसे शुभ समय प्रदोष काल में रहेगा, जब अमावस्या तिथि और रात्रि का संगम होता है।

  • लक्ष्मी पूजन मुहूर्त: सायं 05:47 से 07:45 बजे तक
  • प्रदोष काल: सायं 05:45 से 08:00 बजे तक
  • सिंह लग्न मुहूर्त: सायं 06:10 से 08:20 बजे तक
  • अमावस्या तिथि: 19 अक्टूबर रात 09:32 बजे से 20 अक्टूबर रात 11:15 बजे तक

इस मुहूर्त में पूजा करने से लक्ष्मी और कुबेर की कृपा घर पर स्थायी रूप से बनी रहती है।

दीवाली पूजा का महत्व और धार्मिक अर्थ

दीवाली पूजा का अर्थ केवल दीप जलाना नहीं, बल्कि आत्मा को प्रकाशित करना है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीराम चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे और अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था।

इसके अलावा, यह दिन माता लक्ष्मी के प्रकट होने का भी दिन है, जब भगवान विष्णु ने राजा बलि को पाताल लोक भेजा और लक्ष्मी जी उनकी पत्नी के रूप में उनके साथ गईं।
इसीलिए यह दिन धन, सौभाग्य और समृद्धि की देवी के पूजन के लिए सबसे श्रेष्ठ माना जाता है।

आध्यात्मिक अर्थ:

  • दीपक आत्मा का प्रतीक है  जो अंधकार को मिटाकर सत्य का प्रकाश फैलाता है।
  • लक्ष्मी पूजा से अहंकार, लोभ और नकारात्मकता दूर होती है।
  • यह दिन हमें सिखाता है कि सच्ची समृद्धि धन में नहीं, बल्कि संतोष और कृतज्ञता में है।

दीवाली में पूजा की विशेष टिप्स

  1. मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं – यह घर में सुख और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश करवाता है।
  2. रात में दीपक बुझने न दें – माना जाता है कि पूरी रात जला दीप लक्ष्मी जी का स्वागत करता है।
  3. तिजोरी या कैश बॉक्स में कमल का फूल रखें – इससे धन वृद्धि होती है।
  4. पानी और नमक का कटोरा रखें – यह घर की नकारात्मकता को सोख लेता है।
  5. आरती के बाद घर के चारों कोनों में दीपक जलाएं – यह चारों दिशाओं से शुभ ऊर्जा को आकर्षित करता है।

निष्कर्ष

दीवाली पूजा 2025 केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि जीवन में प्रकाश, संतुलन और समृद्धि का आमंत्रण है।
सही विधि से पूजा करने पर घर में न सिर्फ़ धन का आगमन होता है, बल्कि मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ती है।

इस दीवाली, दीप जलाते समय केवल घर नहीं, अपने मन को भी रोशन करें  क्योंकि जब भीतर प्रकाश होता है, तभी सच्ची लक्ष्मी कृपा प्राप्त होती है।

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